Opposite Of Deja Vu: आप एक सामान्य इंसान है, आप स्टूडेंट है, आप लड़का है, आप लड़की है, आप कर्मचारी हैं या आप अधिकारी हैं आमतौर पर यदि आप मनुष्य जीव है, तो आप कुछ ना कुछ काम करते होंगे तभी अचानक आपको एक बहुत ही अजीब सी फीलिंग महसूस होती है, ऐसा लगता है जैसे यह सब कुछ पहले भी हो चुका है आप उसको याद करने की कोशिश करते हैं फिर लगता है की हां कुछ याद आ रहा है! लेकिन नहीं फिर आप वर्तमान में इस कार्य को करना शुरू कर देते हैं, कोई आपसे कुछ बोल रहा है एकदम से आपको लगता है जैसे यह पहले हुआ है क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? मुझे पक्का यकीन है आप में से ज्यादातर लोग कहेंगे हां मेरे साथ भी ऐसा हुआ है. क्योंकि ऐसा ज्यादातर लोगों के साथ ही होता है इसे कहते हैं देजा वू।
देजा वू पिछले जन्म कि कोई याद
आप में से कुछ लोगों ने यह शब्द कई बार सुना होगा तो कुछ यह शब्द पहली बार सुन रहे हैं अब होता क्या है कि हम आमतौर पर इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते बात आई-गई हो जाती है. हालांकि इसे लेकर मन में सवाल जरूर रहते हैं कई लोगों को लगता है कि उनके साथ पिछले जन्म में ऐसा हो चुका है जो उन्हें अब दिख रहा है, इसका एहसास हो रहा है या जो काम अभी कर रहे हैं पहले भी वह कर चुके हैं ऐसा उनका प्रतीत होता है तो क्या वाकई देजा वू आपके पिछले जन्म की कोई याद है या कुछ और ही है? आईए जानते हैं इस लेख में।
देजा वू! ब्रेन के हिस्से प्राभावित
काफी सारी रिसर्च को पढ़कर, जानकार, समझकर हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं की देजा वू एक फ्रेंच भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है पहले से देखा हुआ. अगर देजा वू को साइकोलॉजी तौर पर समझे तो यह एक स्ट्रांग फीलिंग है जो आमतौर पर आपका वह ब्रेन से आती है जो 50% कार्यों पर ध्यान देता है यह बताती है कि शायद यह एक्सपीरियंस या घटना हमारे साथ पहले भी हो चुकी है यह बहुत ही थोड़े समय के लिए महसूस होती है यह ज्यादातर काम करने वाले लोग स्टूडेंटस् के साथ और जो थके हुए होते हैं या जो दिमागी तौर पर अपना वर्क करते हैं उनके साथ होता है यह कोई बीमारी नहीं है यह ब्रेन के कुछ हिस्से की वजह से होता है तो इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है बहुत ज्यादा थकावट की वजह से भी यह देखने को मिलता है।Opposite Of Deja Vu
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यह लगभग 30 से 80% लोगों को देजा वू महसूस हुआ है पहली बार यह 8 से 10 साल की उम्र में महसूस होता है, 20, 25 साल की उम्र में यह पीक पर होता है उसके बाद यह बहुत ही कम महसूस होता है।
देजा वू क्यों महसूस होता है?
इसके बारे में तो कोई सीधा जवाब मालूम नहीं है लेकिन काफी सारे वैज्ञानिकों ने अलग-अलग थ्योरी दी है जैसे पहली थ्योरी है- मेमोरी थ्योरी…
Opposite Of Deja Vu First Theory
मेमोरी थ्योरी के हिसाब से हमारा दिमाग शॉर्ट टर्म में मेमोरी को अलग रखता है यानी जो चीज अभी घटित हो रही है वह अलग स्टोर होती है जो पहले हो चुका है उसकी याद को अलग स्टोर किया जाता है लेकिन अगर इसमें कुछ गड़बड़ हो जाए तो शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉन्ग टर्म मेमोरी से आती है हुई प्रतीत होती है।Opposite Of Deja Vu
Opposite Of Deja Vu Second Theory
दूसरी थ्योरी को 3D होलोग्राम थ्योरी कहते हैं इसका मतलब है कि हमारी यादें 3D होलोग्राम की तरह से होती है अगर कोई चीज उस घटना की याद दिलाते हुए मैच हो जाती है तो ऐसा लगता है कि यह पूरी घटना पहले हो चुकी है।
Opposite Of Deja Vu Third Theory
तीसरी थ्योरी है ड्रीम थ्योरी इसके हिसाब से हम वह सपने भी देखते हैं जो भविष्य में होने वाली स्थिति को प्रिडिक्ट करते हैं लेकिन हमारा ब्रेन उसको कई बार एक अलग याद की तरह स्टोर कर लेता है फिर ऐसा लगता है कि यह अनुभव पहले हो चुका है पर असल में हमने सपने में कुछ वैसा अनुभव किया होता है असलियत में नहीं।
Opposite Of Deja Vu Forth Theory
चौथी थ्योरी है मैट्रिक्स थ्योरी जो आमतौर पर सभी वैज्ञानिकों का मानना है मैट्रिक्स थ्योरी यानी “ग्लिंच इन द मेट्रिक्स थ्योरी” जिसे सिम्यूलेशन भी बोलते हैं… कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हम सफल ब्रह्मांड में नहीं,, कंप्यूटर से जुड़े हुए ब्रह्मांड में रह रहे हैं जैसा आपने मैट्रिक्स फिल्म में देखा था इसके अनुसार देजा वू उस ब्रह्मांड में होने वाले किसी ग्लिच के कारण होता है
हालांकि इस थ्योरी के बारे में कोई पुख्ता सबूत तो नहीं मिला है देजा वू कई लोगों को अनुभव होता है और एकदम से होता है पहले से इसका पता नहीं चलता इसलिए लोग इसे काफी सारी चीजों से जोड़ते हैं इसे अद्भुत माना जाता है. और काफी सारे लोग इसे आध्यात्मिक तौर पर भी देखने लगते हैं जिसे कुछ लोग पूर्व जन्म की घटनाओं से इसको जोड़ने लगते हैं लेकिन वैज्ञानिकों ने इस मिथक को पूर्णता गलत बताया है।
Opposite Of Deja Vu वैज्ञानिकों कि मान्यता
वैज्ञानिकों का मानना है असल में देजा वू ब्रेन की गतिविधियों के कारण होता है एक होता है वर्तमान दिमाग जो काम आप वर्तमान में कर रहे हैं वह आपके सर के आगे के हिस्से में जो दिमाग फिट है उसे होता है और उसी के पीछे होता है वह दिमाग जो काम हो चुका है वैसे तो यह दोनों अलग-अलग समय पर अलग कार्य करते हैं लेकिन जब यह दोनों दिमाग एक साथ काम करने लगते हैं तब यह देजा वू स्थिति पैदा हो जाती है।